वसंत
प्रकृति का श्रृंगार

नास्ति विद्या समोबंधुनर्नास्तिन विद्या समः सुहृत।
नास्ति विद्या समं वित्तं नास्ति विद्या समं सुखम्।

वसंत पंचमी को ज्ञान की अधिष्ठात्री
देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था

लो आ गया फिर से मौसम वसंत का
शुरुआत है यह बस निष्ठुर जाड़े के अंत का

गर्मी तो अभी दूर है वर्षा न आएगी
फूलों की महकै की महके हर दिशा में फैल जाएगी

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